साहित्य चक्र

18 October 2016

।। गर्व।।




ना दौलत पर गर्व करता हूं,
ना शौहरत पर गर्व करता हूं।
मैं तो अपनी किस्मत पर 
गर्व करता हूं, क्योंकि मैं 
हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं।।

ना तन पर गर्व करता हूं,
ना मन पर गर्व करत हूं।
मैं तो अपने आप में गर्व 
करता हूं क्योंकि मैं 
हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं।।

ना धर्म पर गर्व करता हूं,
ना कर्म पर गर्व करता हूं।
मैं तो उस माता पर गर्व करता 
हूं, जिसने मुझे अपनी गोद 
में पैदा होने का मौका दिया।।

    कवि- दीपक कोहली 


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