साहित्य चक्र

15 November 2016

मेरा- तेरा

मेरा- तेरा

कोरा कागज था मन मेरा,
लिख दिया है नाम तेरा।।

सुना आंगन था मन मेरा, 
बसा दिया है प्यार तेरा।।

खाली दर्पण था मन मेरा,
रच गया है रुप तेरा।।

टूटा तारा था मन मेरा,
बना दिया है चांद तेरा।।

          कवि- दीपक कोहली



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