साहित्य चक्र

29 November 2016

सच हम नहीं - सच तुम नहीं



सच हम नहीं सच तुम नहीं 
सच ये संसार नहीं....।

सच हमारे नैन नहीं, 
सच तुम्हारे नैन नहींं..।
सच तो है ये परमात्मा..।।

सच हम नहीं - सच तुम नहीं 
सच ये संस्कृति नहीं....।।

सच हमारी नियत नहीं , 
सच तुम्हारी नियत नहीं..।
सच तो है ये ईश्वर.....।।

सच हम नहीं - सच तुम नहीं
सच ये प्रकृति नहीं...।।

सच हमारी बात नहीं, 
सच तुम्हारी बात नहीं...।
सच तो ये परमेश्नर है...।।

सच हम नहीं - सच तुम नहीं 
सच ये जगत नहीं..।।

सच हमारी जाति नहीं,
सच तुम्हारी जाति नहीं..।
सच तो ये मानव आत्मा है...।।

                        कवि- दीपक कोहली

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