साहित्य चक्र

08 August 2024

कविताः विनेश फोगाट



सब्जी खरीदते समय
ये जो महिलाएं कहतीं हैं न कि
सो- पचास ग्राम ज़्यादा दे दोगे तो
क्या फ़र्क पड़ जाएगा
इन महिलाओं को
विनेश फोगाट से मिलवाना चाहिए
वह बताएगी कि सो -पचास ग्राम ज्यादा से
कितना फ़र्क पड़ जाता है
इन महिलाओं को
उस कुम्हार से मिलवाना चाहिए
जिसकी माटी में सो- पचास ग्राम
पानी ज्यादा डल जाने से मटकी पर
कितना फ़र्क पड़ जाता है
इन महिलाओं को उन वैज्ञानिकों से
मिलवाना चाहिए
जिनके प्रयोग में एक बूंद केमिकल
ज्यादा गिर जाने से उनके परिणामों पर
कितना फ़र्क पड़ जाता है
इन महिलाओं को रोटी बनाते वक्त
खुद से भी मिलना चाहिए कि
आटे में जरा-सा पानी ज्यादा गिर जाने से
रोटी पर कितना फ़र्क पड़ जाता है
फ़र्क हमेशा सो -पचास ग्राम से,
थोड़े से ही पड़ता है
अधिक होने पर फर्क नहीं पड़ता
स्थितियां ही अलग हो जाती हैं


- डॉ निर्मला शर्मा


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