छाया दार पेड़ है, मुसाफिर के काम आयेगा,
कल सुख जायेगा तो जलाने के काम आयेगा।
कच्चा बोल कर जो बेच रहे हो गाव के मकान,
शायद यह कल सर छिपाने के काम आयेगा।।
ऐसे मसलो नही तुम अपने हाथों से जुगनू को,
कभी अँधेरे मे रास्ता दिखाने के काम आयेगा।
मत भेजना वृद्धाश्रमों मे अपने बुजुर्गो को,
हमारी संस्कृति को बचाने के काम आयेगा।
पुराने खंजरों को रखना सजा के घरों में,
कभी दुश्मनों को डराने के काम आयेगा।।
- लीलाधर चौबिसा
No comments:
Post a Comment