साहित्य चक्र

02 August 2024

कविता- दोस्ती होती है विटामिन जैसी



दोस्ती होती है विटामिन जैसी,
होती है संतुलित आहार के जैसी।
खुशियों का एहसास है दोस्ती,
सबसे प्यारा उपहार दोस्ती।

जीने के लिए जरूरी हैं ऐसे,
बिल्कुल संतुलित आहार के जैसे।

दोस्त होते हैं उपहार के जैसे,
होते हैं अपने परिवार के जैसे
ये वो रिश्ता है दुनिया का,
चुनते हैं हम अपनी मर्ज़ी से।

औपचारिकता ना होती है इसमें,
ना दिखावे का कोई मतलब इसमें,
बस चेहरे से पढ़ लेते हैं,इक दूजे का मन,
दोस्त होते हैं ज़िन्दगी के जरूरी विटामिन,
अगर कमी हो जाए जीवन में इनकी,
आ जाता है फिर जीवन में सूनापन।

चेहरे की मुस्कान दोस्ती,
तनाव का समाधान दोस्ती,
भर देती है जीवन में, जान दोस्ती,
है खुशियों का संतुलित आहार दोस्ती।

हैप्पी फ्रेंडशिप डे


- कंचन चौहान

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