साहित्य चक्र

28 May 2022

नैतिकता और सेक्स संतुष्टि का रिलेशनशिप क्या है ?


सेक्स संतुष्टि के लिए नैतिकता की बात करना गलत है। जब आप अपना जीवन साथी खोजते हैं, उस समय आपको इन बातों का ध्यान देना होता है। आप अपने जीवनसाथी से सेक्स संतुष्टि को लेकर बातचीत करिए और किसी डॉक्टर से सलाह लीजिए। अगर आप अपने जीवन साथी से अपनी सेक्स संतुष्टि की बात नहीं करते हैं और कहीं बाहर अपनी सेक्स संतुष्टि खोज रहे हैं तो यह आपकी व्यक्तिगत समस्या है।






जब हम किसी रिश्ते से जुड़ते हैं तो तब नैतिकता की जिम्मेदारी हम दोनों की हो जाती है। यह कहना भी गलत होगा कि हर पुरुष अपनी सेक्स संतुष्टि के लिए इधर उधर मुंह मारता फिरता है। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि भारतीय महिला समाज ही नहीं बल्कि पुरुष समाज में भी सेक्स को लेकर जागरूकता बहुत कम है। इसका मुख्य कारण भारतीय परंपरा का पुरुष प्रधान होना है। हमने बचपन से ही पढ़ा है कि हमारे यहां के राजा महाराजाओं ने अनेक शादियां की। मगर हम उन चीजों को हंसते-हंसते स्वीकार करते हैं। कभी हमने अपनी संस्कृति और सभ्यता पर सवाल ही खड़े नहीं किए।


सेक्स संतुष्टि किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत भाव होता है। हम सिर्फ कुछ लोगों से सवाल पूछ कर आंकड़े दिखा दे यह सही नहीं है। भारतीय समाज में जब लड़का, लड़की शादी करते हैं तब वह जाति, धर्म, मजहब और धन देखते हैं। आप सोचेंगे की गुड़ भी मीठा और दही भी मीठा तो आप से बड़ा मूर्ख कोई नहीं होगा। आपको गुड़ और दही को मिलाकर खाने का प्रयास करना चाहिए। यानी जब आप शादी करे होते हैं तो आपको सेक्स से संबंधित बातों को भी स्पष्ट करना चाहिए।


अगर आपको लगता है कि आप अपनी सेक्स संतुष्टि को रोकर नैतिकता निभा रहे हैं तो इसका मतलब आप नैतिकता का अर्थ जानते ही नहीं है। सबसे पहले आपको नैतिकता का अर्थ जानना चाहिए और उसके बाद भारतीय संस्कृति को करीब से देखने की कोशिश करनी चाहिए। आजकल तो संविधान में भी कई प्रकार की छूट दे दी है। इसके बावजूद भी आप अपनी सेक्स संतुष्टि को नैतिकता कह रहे हैं तो शायद आप भारतीय संस्कृति की बेड़ियों में बंधे हुए हैं।

आप ही की संस्कृति में एक स्त्री के पांच पति होने के भी सबूत है और तो और शादी से पहले बच्चा पैदा करने तक के भी सबूत मिलते हैं। इसके बावजूद भी अगर आप अपनी सेक्सी संतुष्टि को नैतिकता से जोड़ रहे हैं तो शायद आप सिर्फ आप अपने मन की पीड़ा लिख रहे हैं परन्तु आपके अंदर हिम्मत नहीं है किसी प्रकार का ठोस कदम उठाने की। अगर आप अपनी शादी के बंधन में सेक्स संतुष्टि नहीं पा पा रहे हैं तो आपके पास तलाक का ऑप्शन है। आप तलाक देकर अपनी सेक्स संतुष्टि कहीं दूसरी जगह तलाश सकते हैं।


लेखक- दीपक कोहली

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