साहित्य चक्र

15 May 2022

कविताः अच्छे के लिए होता है






राजा और मंत्री शिकार के लिए निकले,
जंगल में आए, बहुत सारी झाड़ी और झीलें,
राजा जी के उंगली मैं चुभ गए,
झाड़ियों में जो थे कांटे नुकीले!

राजा के हाथ कि एक उंगली कटि,
सब कुछ अच्छे के लिए होता है बोला मंत्री,
दर्द में यह बात सुनकर राजा को क्रोध आया,
सेना को कह, मंत्री को कारावास में भिजवाया!

राजा अकेले जंगल में आगे बढ़ा,
कबीले वालों ने बली के लिए राजा को पकड़ा,
देखा राजा का एक अंग है भंग,
राजा को छोड़ दिया उन्होंने, इस कारण!

राजा को मंत्री की बात समझ आई,
वो महल गया और तुरंत मंत्री को जेल मैं आवाज लगाई,
मंत्री को कहा भगवान ने मेरी तो जान बचाई,
लेकिन तुझे क्या फायदा हुआ मेरे भाई?

मंत्री मुस्कुराया और कहा,
अगर मैं आपके साथ होता वहां,
कबीले वाले आपको तो छोड़ देते, लकिन मेरी पक्का बलि ले लेते!

ईश्वर पर रखो पूरा यकीन,
कभी रात है तो कभी दिन,
कभी कोई पाता है, कभी कोई खोता है,
इसलिए जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है!


                                    डॉ. माध्वी बोरसे




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