साहित्य चक्र

18 May 2022

कविताः सुरम्य एवं सहज जीवन




गुरुर में रास्ते धुंधले पड़ जाएंगे,
खुद के अलावा किसी को कैसे देख पाएंगे,
प्रेम और जुनून के साथ आगे बढ़ते हैं,
जिंदगी को सफल और सरल बनाएंगे !

पूरी शिद्दत के साथ हिम्मत जुटाएंगे,
हर मंजिल पर खुलकर मुस्कुराएंगे,
चैन और सुकून के साथ आगे बढ़ते हैं,
जिंदगी को हसीन और खूबसूरत बनाएंगे!

स्वयं में भरपूर आत्मविश्वास जगायेंगे,
खुद को उच्च शिखर तक पहुंचाएंगे,
संपन्न और संपूर्ण होकर आगे बढ़ते हैं,
जिंदगी को बेहतरीन और श्रेष्ठ बनाएंगे!

गुरुर में रास्ते धुंधले पड़ जाएंगे,
खुद के अलावा किसी को कैसे देख पाएंगे,
प्रेम और जुनून के साथ आगे बढ़ते हैं,
जिंदगी को सफल और सरल बनाएंगे !


डॉ. माध्वी बोरसे
रावतभाटा, राजस्थान

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