साहित्य चक्र

30 January 2022

कविताः शहिदों से मिली आजादी



शुरू हुई गणतंत्र दिवस की तैयारी,
सीमाओं पर लड़ते लड़ते कितनों,
ने है अपनी जान गंवाई (सैनिक)।

तब जाकर मिली हमें ये आज़ादी,
देश के सैनिक है दुश्मन पर भारी।

अब लड़ने की है हम सबकी बारी,
देश के प्रति है अपनी भी जिम्मेदारी।

लक्ष्मीबाई, भगतसिंह, सुभाष चन्द्र,
सावित्रीबाई, गांधी की है बलिदानी।

जिन्होंने रचाया इतिहास बनी कहानी,
मानो लो तुम लाख तीज त्यौहार,
पर न भूलों इन सब की है कुर्बानी।

न भूलों आजादी की वो रात पुरानी,
उठो देश के जवानों तुम हो पहरेदारी।
शुरू हुई गणतंत्र दिवस की तैयारी।।



                                लेखिका- कुमारी गुड़िया गौतम


No comments:

Post a Comment