सच हम नहीं सच तुम नहीं
सच ये संसार नहीं....।
सच हमारे नैन नहीं,
सच तुम्हारे नैन नहींं..।
सच तो है ये परमात्मा..।।
सच हम नहीं - सच तुम नहीं
सच ये संस्कृति नहीं....।।
सच हमारी नियत नहीं ,
सच तुम्हारी नियत नहीं..।
सच तो है ये ईश्वर.....।।
सच हम नहीं - सच तुम नहीं
सच ये प्रकृति नहीं...।।
सच हमारी बात नहीं,
सच तुम्हारी बात नहीं...।
सच तो ये परमेश्नर है...।।
सच हम नहीं - सच तुम नहीं
सच ये जगत नहीं..।।
सच हमारी जाति नहीं,
सच तुम्हारी जाति नहीं..।
सच तो ये मानव आत्मा है...।।
कवि- दीपक कोहली