साहित्य चक्र

15 May 2024

कीमत पहचानो बहुत कीमती है आपका वोट



कीमत पहचानो बहुत कीमती है आपका वोट
लालच में मत आना चाहे दे कोई उपहार या नोट
लोकतंत्र बचेगा सुदृढ़ होगा चलेगा कई साल
एक बार जो गलत गया तो लगेगी बहुत चोट

लालच में किसी के तुम कभी मत आना
वरना पड़ेगा पांच साल फिर पछताना
दूसरों की मीठी मीठी बातों में भी मत आना
खुद भी समझना औरों को भी समझाना

ऐसे आदमी से रहना पड़ेगा दूर
जो वोटों की खातिर है आपस में लड़ाता 
खुद तो करता है मौज मस्ती
आपसी रिश्तों को है तोड़ जाता 

वोट का अपने नहीं करोगे यदि सही प्रयोग
पांच वर्ष तक नहीं रहेगा अच्छे ग्रहों का योग
एक निवाला नहीं मिलेगा जनता को
खाएंगे वह पांच वर्ष तक छत्तीस भोग

नशा कोई भी मत करना बोतल के आगे न बिकना
खुद्दारी को आगे रखना वरना उम्रभर पड़ेगा झुकना
लालच में तुम मत आ आना न ही धन पर नज़र गड़ाना
सुनना केवल मन की बात ध्यान और पर मत धरना

वोट डालने को हम सब ने पोलिंग बूथ पर मिलकर जाना 
लोकतंत्र का बड़ा पर्व है हम सबने है खूब मनाना
देश विरोधी ताकतों को मिलकर है सबक सिखाना
सुदृढ़ लोकतंत्र से भारत का भविष्य है बनाना


                                      - रवींद्र कुमार शर्मा


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