साहित्य चक्र

22 June 2022

द्रौपदी मुर्मू कौन है ?


इन दिनों द्रौपदी मुर्मू जी का नाम पूरे देशभर में सुर्खियों में है। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने इस बार अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है। जब से द्रौपदी जी राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित हुई है। तब से समस्त देशवासी सोशल मीडिया के जरिए उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है। 




चलिए हम आपको बताते हैं कि द्रोपदी मुर्मू जी कौन है ?

द्रौपदी मुर्मू जी का जन्म 20 जून 1958 में मयूरभंज, ओड़िशा में हुआ था। द्रौपदी जी आदिवासी समाज से संबंध रखती है। राजनीति में आने से पहले इन्होंने बेहद संघर्षमय जीवन जिया है। द्रौपदी जी ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत पार्षद पद से आरंभ किया है। भुवनेश्वर के रमा देवी कॉलेज से इन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। रैरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में इन्होंने बिना वेतन अध्यापन का कार्य किया है। द्रौपदी जी ने अपना राजनीतिक कैरियर रैरंगपुर के एनआईसी के वाइस चेयरमैन के तौर पर शुरू किया। इतना ही नहीं बल्कि ओड़िशा के सिंचाई और बिजली विभाग में यह एक कनिष्ठ सहायक पद पर अपनी सेवा दे चुके है। सन 2013 में यह बीजेपी में एसटी मोर्चा की सदस्य रही और 2015 में झारखंड की पहली महिला और देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनी। 

द्रौपदी मुर्मू जी को वर्ष 2007 में ओड़िशा सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर नीलकंठ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह करीब दो दशक से लंबा राजनीतिक और सामाजिक अनुभव रखती है। ओड़िशा के रायरंगपुर से यह दो बार विधायक रही है। बीजेपी-बीजेडी की गठबंधन सरकार में यह वाणिज्य, मछली पालन, पशुपालन जैसे कई विभाग संभाल चुकी है। बीजेपी ने एक बार इन्हें एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंकाया है। द्रौपदी मुरमू जी के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू और इनके दो बेटे और एक बेटी है। इनका व्यक्तिगत जीवन त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि इन्होंने अपने पति और दो बेटों को खो दिया है।‌ यह बेहद साधारण परिवार से संबंध रखती है। देश में यह पहली बार होगा जब एक साधारण भारत के सबसे पिछड़े समाज यानी आदिवासी समाज की महिला को देश के सर्वोच्च पद पर बैठने का मौका मिलेगा। हम आशा करते हैं कि द्रौपदी मुर्मू जी भारतीय राष्ट्रपति चुनाव जीतने में कामयाब होगी और भारतीय आदिवासी समाज के लिए लगातार कार्य करती रहेगी। समस्त देश उनका बतौर भारतीय राष्ट्रपति नियुक्त होने पर स्वागत के लिए तैयार बैठा है। 

लेखक- दीपक कोहली

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