जयदीप पत्रिका
हिंदी साहित्य की पहचान
साहित्य चक्र
21 October 2022
कविताः आसार
नफ़रत सोच समझ कर करना
मोहब्बत होने के
आसार होते हैं।
बात सोच समझ कर करना
इश्क से सब
नासार होते हैं।
दिल की बात सोच समझ कर करना
अपनों में भी कई
गद्दार होते हैं।
हमराही को हमसफर
सोच समझकर
बनाना धोखा मिलने के
आसार होते हैं।
लेखक- राजीव डोगरा
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