गुंजन गुप्ता |
करवाचौथ
पूजन को
सजी है थाल
बनाई है
चौक ॥
दो
वरदान माता
सुखी रहे जीवन
अमर हो
सुहाग ॥
सजाये
हैं हाथ
मेहँदी से मैंने
तुम्हारे प्यार
में ॥
करके
सोलह श्रृंगार
उतारूँ आरती तुम्हारी
जनम-जनम
सजना ॥
तुमको
निहारती हूँ
चाँद में प्रिय
उपवास तोड़ने
को ॥
चाँद
सा शीतल
बने हमारा प्रेम
चहुँ ओर
चमके ॥
करूँ
पूजन मैं
बढ़े आयु तुम्हारी
प्रार्थना है
हमारी ॥
गुंजन गुप्ता
प्रतापगढ़ (उ.प्र.)
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