साहित्य चक्र

05 October 2017

* सयाली छंद- करवा चौथ

गुंजन गुप्ता


करवाचौथ
पूजन को
सजी है थाल
बनाई है
चौक  ॥

दो 
वरदान माता
सुखी रहे जीवन
अमर हो
सुहाग  ॥


सजाये
हैं  हाथ
मेहँदी से मैंने
तुम्हारे प्यार
 में  ॥

 करके
सोलह श्रृंगार
उतारूँ आरती तुम्हारी
जनम-जनम
सजना  ॥

तुमको
 निहारती हूँ
चाँद में  प्रिय
उपवास तोड़ने
को  ॥

चाँद
सा शीतल
बने हमारा प्रेम
चहुँ ओर
 चमके  ॥

 करूँ
पूजन मैं
बढ़े आयु तुम्हारी
प्रार्थना है
हमारी  ॥

                                                गुंजन गुप्ता
                                                प्रतापगढ़ (उ.प्र.)



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