साहित्य चक्र

05 October 2017

# एक कदम स्वच्छता की और...!


 
हम सबकी हो सांझेदारी
मीलों तक हो नहीं बीमारी
देखा हमने सपना प्यारा,
भारत देश हो स्वच्छ हमारा...।

साफ़ सुथरे हो स्कूल विद्यालय
जहा सोच हो वही शौचालय
हर घर में गूँजे ये नारा
भारत देश हो स्वच्छ हमारा..।

हम निभाएं सब जिम्मेदारी
पेड़-पौधे और बगिया क्यारी
महक उठे ये गुलशन सारा
भारत देश हो स्वच्छ हमारा....।

गाँधी जी का था ये सपना,
स्वर्ग से सुन्दर भारत अपना,
इनका सिदांत है सबसे न्यारा
भारत देश हो स्वच्छ हमारा....।

      
                                                   ( सुमन जांगड़ा)

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