साहित्य चक्र

07 October 2017

"करवा चौथ "




सासु माँ बडे प्यार से बोली
बहू करवा चौथ है कल
पति की लंबी उम्र के लिए
व्रत करना
बहू ने सिर झुका कर कहा
जी माँ जी
ओर चल दी अपने कमरे की ओर
बंद कमरे में जाकर सोचने लगी
रोज रोज की यातना
जिस्म को नोचता जानवर
बात बात पर गालियाँ
देता
शराब की दुर्गन्ध को
 बिखेरता सेज पर रात भर
साल भर नोचता खसोटता
फिर भी व्रत रखे उसके लिए
क्योकी वो पति है
ओर पति परमेश्वर माना जाता है
पत्नी के अरमानो को
कुचलता वो
अपने पुरुष होने पर गर्वित होकर
लहू लुहान कर देता
पत्नी की हर इच्छा को
दिखावे की खातिर फ़िर
क्युँ रखे करवा चौथ
आंखो में भरकर आँसु वो
कमरे से बाहर निकल आयी
सासु माँ से बोली
माँ व्रत करूँगी लंबी उम्र के लिय नही
जुल्मो से
छुटकारा पाने के लिए
पति रुप में हैवान पाकर
कैसे उसकी लंबी उम्र की कामना करू
बोलो तो माँ जावब दो माँ
सास बहू के सामने निरुतर हो गयी




                                                                                रामेश्वरी नादान


No comments:

Post a Comment