साहित्य चक्र

11 September 2019

पुराणों ने कहा है

भले ही देना ना उपहार कभी गुरुओं को
मगर देना सदा सत्कार सभी गुरुओं को
पुराणों ने कहा है वेदों ने भी माना है
ईश का धरती पे आकार छवि गुरुओं को
शिक्षक दिवस पे ये अभियान बढा़ना है हमें
गुरु का जग में सदा मान बढा़ना है हमें


गुरु से नैतिकता सद्गुण बने हैं यहां
गुरु से राम और अर्जुन बने हैं यहां 
गुरु से ज्ञान की ज्योति है जली सदियों से 
गुरु के महिमा की कथाएं चली सदियों से
चली जो सदियों से गुणगान बढा़ना है हमें
गुरु का जग में सदा मान बढा़ना है हमें


गुरु ही शिक्षा का प्रसार करते दुनिया में
निश्चलता का सदा ही भाव भरते दुनिया में
गुरु की साधना से धीर समंदर बन गए 
गुरु से ज्ञान पाके लोग सिकंदर बन गए 
बन के दूजा सिकंदर शान बढा़ना है हमें
गुरु का जग में सदा मान बढा़ना है हमें


गुरु का मान घटा भूलवश का क्या मतलब ? 
न हों भगवान तो पूजन - कलश का क्या मतलब? 
करना होगा अब मंथन कड़ा हम सबको ही
गुरुभक्ति के बिन शिक्षक दिवस का क्या मतलब? 
गुरुभक्ति का कीर्तिमान बनाना है हमें 
गुरु का जग में सदा मान बढा़ना है हमें
गुरु का जग में सदा मान बढा़ना है हमें


                                                      विक्रम कुमार

No comments:

Post a Comment