साहित्य चक्र

12 February 2025

ऋतुराज वसंत





तुम्हारी सुंदरता अनोखी है,ऋतुराज वसंत।
प्रकृति की नई शुरुआत है,ऋतुराज वसंत।

नव जीवन का प्रतीक है सुनो, ऋतुराज वसंत।
पेड़ों पर पत्ते सज आए आया ऋतुराज वसंत।

फूल खिलते हैं, मन भावन से,ऋतुराज वसंत ।
प्रकृति सौंदर्य ,सजी हुई ,आया ऋतुराज वसंत।

आशा और नवीनता,जीवन की ऋतुराज वसंत।
नई शुरुआत का प्रतीक है, देखो ऋतुराज वसंत।

तुम्हारी सुंदरता हमें प्रेरित करती ऋतुराज वसंत।
मौसम, सुहावना, मधुर बनाता ऋतुराज वसंत।

सबके मन खिल जाते ,जो आता ऋतुराज वसंत।
प्रकृति का,आनंद लेलो,मुस्काता ऋतुराजवसंत।

प्रेरणा तुम इससे लेलो ,प्यारा सा ऋतुराजवसंत।
त्योहार,उत्सव भी लाता, आता ऋतुराज वसंत।

नई फसल में बाली ,आती,हंसता ऋतुराज वसंत
आशाओं,समृद्धि का प्रतीक है,ऋतुराज वसंत।

तुम्हारी सुंदरता है,मन को भाती,ऋतुराज वसंत।
प्रकृति की सुंदरता और नवीनता ऋतुराज वसंत।

 
                                    - डॉ. मुश्ताक अहमद



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