कभी-कभी मुझे भारतीय समाज के व्यवहार को देखकर बहुत गुस्सा आता है। हर छोटी-छोटी बात पर भारत के लोग मां-बहन की गाली देते हैं। उदाहरण के लिए कल मैं दफ्तर से घर वापस आ रहा था। एक व्यक्ति मेरे बगल के सीट पर बैठा था और किसी को फोन पर गाड़ी छूट जाने के कारण मां-बहन की गाली दे रहा था। यह देखकर मैं हैरान हो गया, क्योंकि ना ही वहां पर उस व्यक्ति की मां- बहन थी और ना ही जिसे वह गाली दे रहा था उसकी मां-बहन थी।
उसके फोन रखने के बाद मैंने उससे तुरंत सवाल पूछा भाई साहब अपने मां-बहन की गाली क्यों दी ? वह थोड़ी देर चुप रहा और गुस्से में मेरे से बोल तुम चुप रहो और अपने काम से काम रखो। मैंने बोला- ठीक है, मगर आप मुझे यह तो समझा दीजिए कि आपने मां-बहन की गाली क्यों दी ? उसने कुछ नहीं बोला।
मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर हम हर छोटी-छोटी बात पर मां-बहन की ही गाली क्यों देते हैं ? क्या हमारी मां और बहन स्त्री हैं इसलिए हम उनके नाम से गाली देते हैं या भारतीय समाज पितृसत्तात्मक है इसलिए यहां पुरुषों से संबंधित गलियां कम हैं! खैर जो भी हो मगर मुझे इस बात पर आपत्ति है कि छोटी-छोटी बातों पर मां-बहन की गली नहीं दी जानी चाहिए।
आजकल हमारे देश में स्टैंडअप कॉमेडी के नाम पर हमें अश्लीलता और गाली गलौज परोसी जा रही है। समझ नहीं आता है क्यों हमारे देश के प्रतिष्ठित और पढ़े-लिखे लोग उस कॉमेडी को देखने के लिए हज़ारों रूपये खर्च करते हैं और ठहाके लगाकर हंसते हैं ? इतना ही नहीं बल्कि कई सारे सोशल प्लेटफॉर्म पर फैशन और फेमस होने के नाम पर सॉफ्ट पॉर्न भी परोसी जा रही है।
इन सभी चीजों का असर हमारे समाज और आने वाले पीढ़ी पर पड़ रहा है। यह हमारे समाज को गंभीर समस्या की ओर लेकर जा रहा है। अगर वक्त रहते इसका हल नहीं किया गया तो समाज इस कैंसर से तबाह हो जाएगा। इस कैंसर को बढ़ाने में हर वह व्यक्ति जिम्मेदार है, जो सोशल मीडिया पर इनफ्लुएंसर बनने के लिए या फेमस होने के लिए अश्लीलता और फूहड़पन परोस रहा है।
सरकार और हम सभी को इन सभी कैंसर फैलाने वालों का विरोध करना चाहिए, क्योंकि हम सभी के लिए हमारा समाज महत्वपूर्ण है। आइए! ऐसे लोगों का समाज से विरोध करते हैं जो पैसा कमाने के लिए या फेमस होने के लिए गाली गलौज और समाज में अश्लीलता व फूहड़ता परोस रहे हैं।
- दीपक कोहली
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