साहित्य चक्र

18 October 2016

।। गर्व।।




ना दौलत पर गर्व करता हूं,
ना शौहरत पर गर्व करता हूं।
मैं तो अपनी किस्मत पर 
गर्व करता हूं, क्योंकि मैं 
हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं।।

ना तन पर गर्व करता हूं,
ना मन पर गर्व करत हूं।
मैं तो अपने आप में गर्व 
करता हूं क्योंकि मैं 
हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं।।

ना धर्म पर गर्व करता हूं,
ना कर्म पर गर्व करता हूं।
मैं तो उस माता पर गर्व करता 
हूं, जिसने मुझे अपनी गोद 
में पैदा होने का मौका दिया।।

    कवि- दीपक कोहली 


15 October 2016

लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में....।।



लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में,
एे मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए।
जिन्होंने अपने सीना चीर दिया गोलियों से,
और नहीं आने दी तेरे अॉंगन में कोई दरार।।


मुझे भी शौक था तेरी रक्षा करने का, 
पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने।
ऐ मेरे वतन उन जवानों की मेरा सलाम,
जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बान दी।।


उन पहाड़े & जंगलों में रहने का शौकीन था,
मैं भी, पर क्या बताऊ मॉं ने मुझे कबूला नहीं।
ऐ मेरे वतन उन जवानों को मेरा नमन,
जिन्होंने तेरे लिए अपना बलिदान दिया।

आग & पानी से खेलना चाहता था तेरे लिए
लेकिन उस खुदा को कबूल नहीं था मेरा यह खेल
जिसने बना दिया मुझे एक कवि और एक मेल
ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानों को मेरा एक संदेश
जिन्होंने हमारे जान के लिए अपनी जान की बाजी 
लगाई है।

लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में....।।

   

  कवि- दीपक कोहली 

14 October 2016

वतन

                                  वतन 

आज क्यों भूल गये हम,
उन क्रांतिकारियों को।
जो इस वतन के लिए,
लड़े और शहीद हुए।।

उनका एक-एक कतरा,
इस देश के बदन में है।
जो लोग इन्हें भूल गए,वो 
याद करें इनकी कुर्बानी।।

चढ़ गए वतन के लिए ,
कोई फांसी तो कोई जेल।
वतन को कर आजाद,
हमें दे डाली खुशियां।।

 कवि - दीपक कोहली 

08 October 2016

-एक बार फिर दादरी कांड में लगी आग-

                  -एक बार फिर दादरी कांड में लगी आग-

जी हां...एक बार फिर दादरी कांड में लगी है आग। आपको बता दे कि एक साल पहले नोएडा दादरी के बिसाहड़ा गांव में जो गौमांस कांड हुआ था। वो एक बार फिर सुर्खियों मे आ गया है। जिसके चलते पूरे दादरी में सन्नाटा छाया हुआ है। ये सन्नाटा इस बात का है कि गौहत्या का आरोपी अखलाक को मौत की घाट सुलाने वाले आरोपी रवि की जेल में मौत होने के कारण पूरे दादरी में तनाव की माहौल बना हुआ है। वहीं एक तरफ ये बताया जा रहा है कि गौहत्या का आरोपी अखलाक का परिवार व कई मुस्लीम परिवार अपने घर छोड़ चले गए है। वैसे तनाव इस बात पर हुआ है कि अखलाक का हत्यारा रवि की मौत कैसे हुई और क्यों हुई। जिसके चलते पूरे बिसाहड़ावासियों में रोष देखने को मिल कहा है। वहीं एक तरफ पूरे गांव ने यूपी सरकार का पुतला फूंक साफ संदेश दे किया है कि रवि की मौत की जांच की जाए। एक ओर कई नेताओं का साथ भी इन गांव वालों को मिलता नज़र आया तो दूसरी ओर प्रशासन इन्हें समझाता नज़र आया। जहां एक तरफ स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे बच्चे जेल में भी सुरक्षित नहीं है। तो वहीं आरोपी रवि के मौत के बाद रवि के परिवार वालों का कहना है कि हमें 50 लाख मुआवजा दिया जाए और जेलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए साथ ही आरोपी रवि की पत्नी का कहना है कि उसे नौकरी दी जाए। वही कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रवि की मौत के पीछे अखलाक का भाई जान मोहम्मद का हाथ है। जिसे गिरफ्तार करना चाहिए। वहीं अगर अधिकारियों की मानें तो रवि पिछले कई दिनों से बीमार था। वहीं शुक्रवार को रवि का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन रवि की मां अभी भी खासी  नाराज है। जहां एक तरफ सरकार ने रवि के परिवार वालों को 20 लाख रूपये देने की घोषणा की, लेकिन फिर भी रवि की मां का कहना है कि जब तक रवि के हत्यारों को सजा नहीं होती तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा। अब देखने वाली बात ये रहेगी कि क्या सरकार इन आरोपियों को कब तक मुआवजा देती रहेगी। सवाल कई उठते है। क्या सरकार के पास इतना पैसा है कि किसी को भी मुआवजा दिया जाए। मेरा एक सवाल है कि आपस में लड़ने वालों को क्यों सरकार मुआवजा देती है। पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है और अगर कोई आरोपी जेल या किसी कारण वश मर जाता है तो फिर उसके परिवार वालों को सरकार मुआवजा दे देती है। ये क्या है.....किसी को भी सरकार मुआवजा दे देती है। वैसे हमारे सरकार को इस सोचना चाहिए। वहीं अगर कोई सैनिक की मृत्यु होती है तो सरकार उसके परिवार वालों एक मेडल देकर सम्मानित तो कर देते है लेकिन कोई धन राशि मुआवजे में नहीं देती है। वैसे आप समझ तो गए ही होगें की मैं क्या कहना चहता हूं।।