वतन
आज क्यों भूल गये हम,
उन क्रांतिकारियों को।
जो इस वतन के लिए,
लड़े और शहीद हुए।।
उनका एक-एक कतरा,
इस देश के बदन में है।
जो लोग इन्हें भूल गए,वो
याद करें इनकी कुर्बानी।।
चढ़ गए वतन के लिए ,
कोई फांसी तो कोई जेल।
वतन को कर आजाद,
हमें दे डाली खुशियां।।
कवि - दीपक कोहली
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