साहित्य चक्र

14 October 2016

वतन

                                  वतन 

आज क्यों भूल गये हम,
उन क्रांतिकारियों को।
जो इस वतन के लिए,
लड़े और शहीद हुए।।

उनका एक-एक कतरा,
इस देश के बदन में है।
जो लोग इन्हें भूल गए,वो 
याद करें इनकी कुर्बानी।।

चढ़ गए वतन के लिए ,
कोई फांसी तो कोई जेल।
वतन को कर आजाद,
हमें दे डाली खुशियां।।

 कवि - दीपक कोहली 

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