साहित्य चक्र

09 June 2024

कविता- प्रकृति संरक्षण





प्रकृति का दोहन करते हो,
और पर्यावरण दिवस मनाते हो,
हम सबको मिलकर,
प्रकृति संरक्षण करना है।

पेड़-पौधे नित नव लगाना हैं,
पेड़ काटने से रोकना हैं,
वायु प्रदूषण रोकना हैं,
व्यर्थ जल बहने से रोकना हैं,
जल संरक्षण का संकल्प लेना हैं।

अधिक से अधिक पेड़ लगाना हैं,
जन्मदिन पर एक पेड़ अवशय लगाना हैं,
यही नारा चहुंओर फैला कर,
जन-जन को जागृत करना है,
वैवाहिक वर्षगांठ पर,
एक पौधा उपहार में भेट देना है,

वायु प्रदूषण रोकना हैं,
अपने मित्र के जन्मदिन पर,
एक पौधा अवश्य भेंट करना है,
जो भी फल खाएं,
उसके बीज संभाल कर रखना हैं।

जब कभी अपने शहर से बाहर जाएं, 
तो रास्ते में किनारे पर,
फेंकते जाना है,
अपनी कॉलोनी और पूरे मोहल्ले में संगठित हो,
अधिक से अधिक को पौधे लगाना हैं।

सारे भारतवासियों को अधिक पौधे,
लगाने की शपथ ग्रहण करनी हैं,
पूरे भारतवर्ष को घने सघन वनयुक्त बनाना हैं,
भारत को प्रदूषण मुक्त बनाना हैं,
पर्यावरण की रक्षा कर,
पर्यावरण दिवस मनाना हैं।


                                                           - संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया


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