देश का महामहिम होगा एक दलित..। जी...हाँ..। सही सुना और सही पढ़ा आपने..। इस बार बीजेपी ने जैसे ही बिहार के राज्यपाल कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया तो, वैसे ही यह साफ हो गया, कि एनडीए सरकार इस बार एक दलित को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है..। यह पहली बार होगा जब बीजेपी किसी दलित को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाएगा..। इसे राजनीति कहे या फिर मोदी का विपक्ष के लिए ट्रंप कार्ड..। बीजेपी अपने हर फैसले से विपक्ष को चित करना चाहती है..। तो वहीं विपक्ष ने भी दलित उम्मीदवार उतारकर राजनीति हो और गर्म कर दिया है..। चाहे कुछ भी हो जाए इस बार देश का राष्ट्रपति एक दलित ही होगा..। चाहे बीजेपी का उम्मीदवार जीते या फिर कांग्रेस का....। वहीं बीजेपी विपक्ष को हर चुनाव में हराना चाहती है। जिससे बीजेपी कोई कोर करस नहीं छोड़ना चाहती..और ना ही कोई कमजोरी..। जिससे विपक्ष को कोई मौका मिले..।
- आइए जानते कौन होगें अगले महामहिम...?
अब देश को मिलेगा एक नया महामहिम, जो देश की शान बढ़ाएगा और देश का मान कमाएगा..। अब आप भी जान लीजिए कौन है, वो शख्स ....जो बनेगें....। देश के अगले राष्ट्रपति....।
आइए..आपको बताते है..। कौन सरकार कौन विपक्ष का उम्मीदवार है..। अगर बात करें बीजेपी उम्मीदवार की तो बीजेपी ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है..। जो उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर के मूल निवासी है..। जो एक दलित बीजेपी राजनेता है...। वैसे आपको बता दूं..। राम नाथ कोविंद हिंदू धर्म के दलित समुदाय से है..। जो कानपुर देहात के मूल निवासी है। कोविंद पेश से एक वकील और एक राजनेता है..। जो बीजेपी पार्टी से संबंध रखते है..। सन् 1991 में कोविंद राजनीति में सक्रिय हुए..। जिसके बाद 1994 में कोविंद उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए..। कोविंद 12 सालों तक राज्यसभा सदस्य रहे..। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे है राम नाथ..। समाज सेवा के रूप में भी कोविंद ने कई काम किए है..जिसमें उन्हें भाजपा दलित मोर्चा का अध्यक्ष भी चुना गया..। वैसे कोविंद ने दिल्ली के हाई-कोर्ट में वकालत भी की है..। साल 2015 में कोविंद को बिहार का राज्यपाल नियुक्त की गया..। जिसके बाद कोविंद को एक बार फिर बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंकाया है..।
वहीं विपक्ष भी राष्ट्रपति पद के लिए केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर दलित कार्ड पर दांव लगा रही है..।
जिसमें विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम पर मुहर लगाई है...। आपको बता दूं..। मीरा कुमार कांग्रेस के दलित नेता जगजीवन राम की सुपुत्री है... । जो देश की पहली दलित लोकसभा स्पीकर भी रह चुकी है..। मीरा कुमार का राजनीतिक जीवन अस्सी के दशक में शुरू हुआ..। जो पहली बार 1984 में बिजनौर से सांसद चुनी गई..। बालयोगी के बाद मीरा कुमार पहली ऐसी दलित राजनेता है, जो लोकसभा स्पीकर रही..। कांग्रेस में मीरा कुमार का साफ-सुथरा चेहरा माना जाता है...। मीरा कुमार अपने कामों के लिए पूरे देश में जानी जाती है..। एक बार फिर कांग्रेस ने मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाकर मोदी के तर्ज पर दलित कार्ड खेला है...।
अब देखना होगा कौन बाजी मारता है..। मोदी सरकार का दलित या फिर विपक्ष का दलित...?
संपादक- दीपक कोहली
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