साहित्य चक्र

30 March 2024

कविताः स्कूल चले




आओ हम स्कूल चले 
नव भारत का निर्माण करें

छूट गया है जो 
बंधन भव का 
आओ मिलकर उसको 
पार करें,
आओ हम स्कूल चले...

जाकर स्कूल हम
गुरुओं का मान करें 
बड़े बूढ़ों का कभी न
हम अपमान करें,
आओ हम स्कूल चले...

जाकर स्कूल हम 
दिल लगाकर पढ़ेंगे
मौज मस्ती और खेलकूद भी 
खूब करेंगे,
आओ हम स्कूल चले...

क ख ग का गान कर 
हम हिंदी का मान बढ़ाएंगे।
एक दो तीन चार पढ़ कर
गणित का ज्ञान भी करेंगे।
आओ हम स्कूल चले...


                                        - डॉ.राजीव डोगरा



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