साहित्य चक्र

12 March 2023

सफर ज़िन्दगी का



दुनियाँ में आते ही शुरू हो जाता है
सफर ज़िन्दगी का सभी का एक है
रास्ते सबके अलग अलग बेशक हैं
पर आखिर मंजिल सबकी एक है

आसान नहीं है है मुश्किल बड़ा
ज़िन्दगी का यह अनोखा सफर
किसी को बहुत मुश्किल से मिलती है
कोई आसानी से पा जाता है डगर

अनगिनत लोग मिलते हैं इस सफर में
कोई याद रहता है कोई भूल जाता है
कोई चलता है जिंदगी भर साथ
कोई बीच राह में छोड़ जाता है

वर्तमान में जीते हैं जो उनका
हंसी खुशी से गुज़र जाता है सफर 
बीत गया सो बीत गया आज ही अपना है
कल क्या होगा किसी को नहीं है खबर

चला जाता है जो दुनिया से बेखबर
मुश्किल हो चाहे उसके लिए कितनी भी डगर
दफन हो जाते हैं वह भी हार जाते हैं सफर में
समझते तो जो अपने आप को रहबर


                                       - रवींद्र कुमार शर्मा


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