"शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशाँ होगा"
हम भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि देश की रक्षा एवं अखण्डता के लिए हम अपना सब कुछ बलिदान कर दें । हमें प्रत्येक परिस्थिति में देश की रक्षा करनी ही है । यह सत्य है कि विभिन्नता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है । यही हमारे लोकतन्त्र के चिरस्थायी होने का महत्वपूर्ण आधार भी है ।
गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी भारत का राष्ट्रीय पर्व होने के की वजह से इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं।26 जनवरी 1950,को भारत का संविधान लागू हुआ,और भारत गणराज्य बना था।इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है
हमारे देश में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता है।इस दिन सभी सरकारी गैर सरकारी संस्थानों में ध्वजारोहण,और राष्ट्रगान होता हैं।साथ ही देश के वीर सपूतों को यादकर वंदे मातरम, जय हिन्द,भारत माता की जय के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।
इस राष्ट्रिय पर्व का विशेष आयोजन भारत के राजधानी दिल्ली में राजपथ पर किया जाता है| इसकी छटा देखने लायक होती ।जहाँ इस दिन लाखो की संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं और आयोजन का आनंद लेते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडा रोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है| हर साल गणतंत्र दिवस के दिन एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होती है। इस परेड के दौरान थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान शामिल होते हैं। इस परेड के दौरान तीन सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। यही नहीं इस दिन तीन सेनाएं आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन भी करती हैं जो राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है।
भारत के लगभग सभी राज्यों से आये लोक-नर्तक अपने-अपने झाकियों पर अपना नृत्यों का प्रदर्शन करते हैं|परेड में भारत के हर राज्य की एक झाकी निकाली जाती है, तथा सेना और पुलिस के दल अपने-अपने बैंड के साथ मार्च करते हैं|
इस परेड को देखने के लिए अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है। साथ ही इस परेड में देश के विभिन्न स्कूलों से आए बच्चे भाग लेते हैं और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। यही नहीं गणतंत्र दिवस समारोह की एक खास बात यह है कि इस समारोह में पूरी दुनिया के देशों से कोई एक मुख्य अतिथि चुना जाता है जो सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद रहता है। गणतंत्र दिवस समारोह में परेड के दौरान सभी राज्यों की झांकी प्रस्तुत की जाती है। इस झांकी में सभी राज्य अपनी विविधता और संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं। यही नहीं इस कार्यक्रम में हर राज्य अपने प्रदेश के लोकगीतों तथा लोकनृत्यों का अद्भुत रूप प्रस्तुत करते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए और दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। साथ ही राष्ट्रीय चैनल इस समारोह का सीधा प्रसारण कर पूरे देशवासियों को इस समारोह की झलक दिखाते रहते हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह उत्साह पूर्वक मनाने के बाद समारोह का धूमधाम से समापन किया जाता है जिसे बीटिंग रीट्रीट कहा जाता है। यह समारोह 26 जनवरी के तीसरे दिन अर्थात 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है। इस समारोह में तीन सेनाएं भी शामिल होती हैं। यह समारोह राष्ट्रपति भवन के पास मनाया जाता है। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति शामिल होते हैं जिन्हें तीनों सेनाओं के प्रमुख सलामी देते हैं।
“जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है,
वह नर नहीं, है पशु निरा और मृतक समान है”
जयहिंद
रचनासिंह"रश्मि"
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