कौन कहता हैं..? गांव की महिलाओं के सपनों को पंख नहीं लगते...। अगर हो हुनर और काबिलियत तो सपने जरूर पूरे होते हैं..।
जी हाँ..! कुछ यहीं कहानी 'रेखा नेगी' की भी हैं..। जो कुछ समय पहले एक गृहणी हुआ करती थी...। आज वहीं 'रेखा' योग देवी के रूप में पूरे उत्तराखंड में जानी जाती हैं..। वैसे आपको बता दूँ..। 'रेखा' देवभूमि के कोटद्वार से हैं..। जो एक समाजसेवी भी हैं..। 'रेखा' उत्तराखंड के कोटद्वार जिले में योग को बढ़ावा देती हैं..। जिसके लिए 'रेखा' 'पतंजलि योग पीठ' से जुड़कर काम करती है..। साल 2011 से 'रेखा' योग से जुड़ी हुई है..। इसी सिलसिले में हमने रेखा से कुछ खास बातचीत की...।
आइए जानते हैं...। उसी बातचीत के कुछ विशेष अंश...।
सवाल- योग हमारे लिए क्यों जरूरी है..?
जवाब- योग हमारे शारीरिक-मानसिक विकास में मदद करता हैं...। योग हमारे मानसिक संतुलन को बरकरार रखता हैं..। आजकल के खान-पान को देखते हुए योग हमारे लिए बेहद ही जरूरी है..। योग करने से हमारे अंदर सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं..।
सवाल- आप योग से क्यों और कैसे जुड़ी..?
जवाब- मैं योग से इसलिए जुड़ी क्योंकि आजकल जिस तरह के रोग हो रहे हैं..। उन सभी रोगों से बचने के लिए योग सबसे अच्छा उपाय हैं..। मुझे अपने आप को स्वस्थ रखना है..। जिसके लिए योग एकमात्र प्रयोग किया गया उपाय है..। पतंजलि के माध्यम से मैं योग तक पहुंत पाई..। जिसके लिए में पतंजलि का धन्यवाद करना चाहूंगीं..।
सवाल- आप योग में आपना गुरू किसे मानते है..?
जवाब- मैं योग में अपना गुरु 'योग गुरु रामदेव बाबा' को ही अपना गुरु मानती हूं..। रामदेव बाबा से ही मैंने योग सिखा..। मैं उन्हीं की तरह योग को आगे बढ़ाना चाहती हूं..।
सवाल- योग देवी के साथ-साथ आप एक समाजसेविका भी है..। इस पर आपका क्या कहना है..?
जवाब- हाँ..। में एक समाजसेविका भी हूँ..। मैं योग शिविरों के जरिए..। कई लोगों की मदद भी करती हूं..। योग का प्रचार करना ही मेरा लिए सबसे बड़ी समाज सेवा है..। मेरा मानना है..। एक समाज सेवक के हमेशा सच्चा होना चाहिए..।
सवाल- आप एक शादीशुदा महिला है..? क्या योग सिखाने के लिए कभी आपके परिवार वालों ने आपको रोका नहीं..?
जवाब- मुझे मेरे परिवार वालों ने कई बार रोका..। मैंने कई बार अपने पति की डांट भी खाई..। लेकिन मेरे अंदर एक जुनून था..। योग करने का.. और सिखाने का...। साथ ही लोगों तक योग का प्रचार कर घर-घर तक योग पहुंचाने का..।
सवाल- योग के बारे में आप हमारी 'जयदीप पत्रिका' के माध्यम से लोगों तक क्या संदेश देना चाहेगें..?
जवाब- सबसे पहले मैं 'जयदीप पत्रिका' का तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूंगीं..। जिसने मेरे विचार और मेरी मन की बात आप लोगों तक पहुंचायी..। मैं आप सभी लोगों से एक छोटी विनती करूगीं..। आप भी योग करें..। सकारात्मक विचार ग्रहण कर जीवन का आनंद लें..। धन्यवाद..।।
रिपोर्ट- दीपक कोहली
सवाल- आप योग से क्यों और कैसे जुड़ी..?
जवाब- मैं योग से इसलिए जुड़ी क्योंकि आजकल जिस तरह के रोग हो रहे हैं..। उन सभी रोगों से बचने के लिए योग सबसे अच्छा उपाय हैं..। मुझे अपने आप को स्वस्थ रखना है..। जिसके लिए योग एकमात्र प्रयोग किया गया उपाय है..। पतंजलि के माध्यम से मैं योग तक पहुंत पाई..। जिसके लिए में पतंजलि का धन्यवाद करना चाहूंगीं..।
सवाल- आप योग में आपना गुरू किसे मानते है..?
जवाब- मैं योग में अपना गुरु 'योग गुरु रामदेव बाबा' को ही अपना गुरु मानती हूं..। रामदेव बाबा से ही मैंने योग सिखा..। मैं उन्हीं की तरह योग को आगे बढ़ाना चाहती हूं..।
सवाल- योग देवी के साथ-साथ आप एक समाजसेविका भी है..। इस पर आपका क्या कहना है..?
जवाब- हाँ..। में एक समाजसेविका भी हूँ..। मैं योग शिविरों के जरिए..। कई लोगों की मदद भी करती हूं..। योग का प्रचार करना ही मेरा लिए सबसे बड़ी समाज सेवा है..। मेरा मानना है..। एक समाज सेवक के हमेशा सच्चा होना चाहिए..।
सवाल- आप एक शादीशुदा महिला है..? क्या योग सिखाने के लिए कभी आपके परिवार वालों ने आपको रोका नहीं..?
जवाब- मुझे मेरे परिवार वालों ने कई बार रोका..। मैंने कई बार अपने पति की डांट भी खाई..। लेकिन मेरे अंदर एक जुनून था..। योग करने का.. और सिखाने का...। साथ ही लोगों तक योग का प्रचार कर घर-घर तक योग पहुंचाने का..।
सवाल- योग के बारे में आप हमारी 'जयदीप पत्रिका' के माध्यम से लोगों तक क्या संदेश देना चाहेगें..?
जवाब- सबसे पहले मैं 'जयदीप पत्रिका' का तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूंगीं..। जिसने मेरे विचार और मेरी मन की बात आप लोगों तक पहुंचायी..। मैं आप सभी लोगों से एक छोटी विनती करूगीं..। आप भी योग करें..। सकारात्मक विचार ग्रहण कर जीवन का आनंद लें..। धन्यवाद..।।
रिपोर्ट- दीपक कोहली