क्या आप जानते हैं...? जारवा क्या है..? हमारे देश में एक ऐसी भी प्रजाति रहती है..। जिसके अपने नियम और कानून है..। जो किसी भी संविधान को नहीं मानती हैं..। आइए आपको बातते हैं..। आखिर क्या है जारवा प्रजाति और कहां रहते हैं...? जारवा प्रजाति के लोग..।
'जारवा प्रजाति', हमारे देश के अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह का एक मुख्य जनजाति है..। जिनकी वर्तमान समय में मात्र 300 से 480 तक अनुमानित जनसंख्या हैं..। 'जारवा जनजाति' के लोग गहरे काले रंग के होते है..। इनका कद छोटा होता है..। करीब 1990 तक 'जारवा' जनजाति के लोग किसी की नज़रों में नहीं आई थी...। 'जारवा जनजाति' के लोग एक अलग तरह का जीवन जीते है..। इनके अपने कानून और नियम है..। 'जारवा' जाति के लोग ना ही संविधान को मानते है और ना ही सरकार इनके विरोध कोई कदम उठती हैं..। एक अलग प्रकार का जीवन जीने वाले 'जारवा जनजाति' के लोग आज भी शिक्षा-ज्ञान से वंछित हैं..। अगर इन्हें 'मानव जाति' का पूर्वज कहां जाएं तो गलत नहीं होगा..। क्योंकि यह जनजाति आज भी आदिमानवों वाला जीवन जीते हैं..। वहीं सरकार इनके रहन-सहन में कोई दखल नहीं देती...। क्योंकि यह जनजाति आज भी बिना कपड़े पहने और बिना पकाएं खाना खाती हैं..। इनका अपना एक अगल समाज हैं..। ये लोग अपने समाज में बाहारी लोगों का आना पंसद नहीं करते हैं..। अगर इनके समाज में कोई जाता हैं, तो ये लोग इसकी हत्या कर देते हैं..। एक सर्वे के अनुसार 1998 के बाद इनके रहन-सहन में कुछ बदलाव महसूस किए गए हैं..।
'जारवा जनजाति' लगभग पांच हजार सालों से यहां निवास कर रही हैं..। 'जारवा जनजाति' के लोग आज भी तीर-धनुष से अपने लिए शिकार करते हैं..। जारवा जंगलों में रहने वाली एक आदिवासी प्रजाति है..। जो शरीर के निचले धड़ में पत्तों और कपड़ों के छोटे-छोटे टुकड़े पहनते हैं..। साल 2012 में 'जारवा प्रजाति' का एक मामला मीडिया में भी खूब उछला था..। जब 'जारवा जनजाति' का एक वीडियो क्लीप मीडिया में सुर्खियां बना हुआ था..। बाद में यह मामला केंद्र सरकार और राज्य सरकार तक पहुंच गया था..। मामला 'जारवा जनजाति' के लोगों का निर्वस्त्र वीडियो बनाकर वायरल करने का था..। जिसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर इस जनजाति के लिए कुछ विशेष नियम बनाएं..। ताकि सरकार इनके लिए कुछ कर सकें..। वैसे यह जनजाति 'अंडमान द्वीप 'के 'हिंद महासागर' के उत्तरी छोर में देखने को मिलती हैं...।
'जारवा जनजाति' लगभग पांच हजार सालों से यहां निवास कर रही हैं..। 'जारवा जनजाति' के लोग आज भी तीर-धनुष से अपने लिए शिकार करते हैं..। जारवा जंगलों में रहने वाली एक आदिवासी प्रजाति है..। जो शरीर के निचले धड़ में पत्तों और कपड़ों के छोटे-छोटे टुकड़े पहनते हैं..। साल 2012 में 'जारवा प्रजाति' का एक मामला मीडिया में भी खूब उछला था..। जब 'जारवा जनजाति' का एक वीडियो क्लीप मीडिया में सुर्खियां बना हुआ था..। बाद में यह मामला केंद्र सरकार और राज्य सरकार तक पहुंच गया था..। मामला 'जारवा जनजाति' के लोगों का निर्वस्त्र वीडियो बनाकर वायरल करने का था..। जिसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर इस जनजाति के लिए कुछ विशेष नियम बनाएं..। ताकि सरकार इनके लिए कुछ कर सकें..। वैसे यह जनजाति 'अंडमान द्वीप 'के 'हिंद महासागर' के उत्तरी छोर में देखने को मिलती हैं...।
रिपोर्ट- दीपक कोहली
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