कवि- दीपक कोहली |
उत्तराखंड की याद
पर्वतों का प्रदेश, लहरों का आंगन,
फूलों की घाटी, नदियों का आंचल,
यहीं हमारी जन्मभूमि की पहचान।
हवा की लहरें, फलों की मीठास,
सुंदरता की चमक, वनों का सौन्दर्य,
यहीं हमारी तपोभूमि की पहचान।
खेतों की फसल, आंगन की सब्जी,
धारों में मंदिर, मंदिरों में मूर्तियां,
यहीं हमारी देवभूमि की पहचान।
कवि- दीपक कोहली
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